तेरा रूप है प्रचंड तू ही आरंभ तू ही अंत भजन लिरिक्स | Tera Roop Hai Prachand Bhajan Lyrics

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तेरा रूप है प्रचंड तू ही आरंभ तू ही अंत भजन लिरिक्स, Tera Roop Hai Prachand Bhajan Lyrics

।। दोहा ।।
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||


~ तेरा रूप है प्रचण्ड ~

गले में जिसके नाग ,
सर पे गंगे का निवास।
जो नाथो का है नाथ ,
भोलेनाथ जी।

करता पापो का विनाश ,
कैलाश पे निवास।
डमरू वाला वो सन्यास ,
भोलेनाथ जी।

मोह माया से परे ,
तेरी छाया के तले।
जो तपता दिन रात ,
उसको रौशनी मिले।
केदार विश्वनाथ ,
मुझको जाना अमरनाथ।
जहा मिलता तेरा साथ ,
भोलेनाथ जी।


जो फिरता मारा मारा ,
जिसको देता वो सहारा।
तीन लोक का वो स्वामी ,
भोलेनाथ जी।

रख दे जिसके सर पे हाथ ,
दुनिया चलती उसके साथ।
ऐसा खेल है खिलाता ,
मेरा नाथ जी।

मोह माया से परे ,
तेरी छाया के तले।
जो तपता दिन रात ,
उसको रौशनी मिले।
केदार विश्वनाथ ,
मुझको जाना अमरनाथ।
जहा मिलता तेरा साथ ,
भोलेनाथ जी।


ये दुनिया है भिखारी ,
पैसे की मारी मारी।
मेरा तू है सहारा ,
मेरे भोलेनाथ जी।

मेरा हाथ ले तू थाम ,
बाबा ले जा अपने धाम।
इस दुनिया से बचा ले ,
मुझको शम्भू नाथ जी।

मोह माया से परे ,
तेरी छाया के तले।
जो तपता दिन रात ,
उसको रौशनी मिले।
केदार विश्वनाथ ,
मुझको जाना अमरनाथ।
जहा मिलता तेरा साथ ,
भोलेनाथ जी।


तेरा रूप है प्रचण्ड ,
तू आरम्भ तू ही अंत।
तू ही सृष्टि का रचियता ,
मेरे भोलेनाथ जी।

में खुद हु खंड खंड ,
फिर कैसा है घमण्ड।
मुझे तुझमे है समाना ,
मेरे भोलेनाथ जी।

मोह माया से परे ,
तेरी छाया के तले।
जो तपता दिन रात ,
उसको रौशनी मिले।
केदार विश्वनाथ ,
मुझको जाना अमरनाथ।
जहा मिलता तेरा साथ ,
भोलेनाथ जी।


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bholenath ji ke bhajan lyrics in hindi

~ Tera Roop Hai Prachand ~

Gale mein jiske naag
Sar pe gange ka nivaas
Jo naathon ka hai naath
Bholenath ji

Karta paapo ka vinash
Kailaash pe nivaas
Damroo wala vo sanyaas
Bholenath ji

Jo phirta maara maara
Usko deta vo sahara
Teeno loko ka vo swaami
Bholenath ji

Rakh de sar pe jiske haath
Duniya chalti uske saath
Aisa khel hai khilaata
Mera nath ji

Moh maya se pare
Uski chhaya ke tale
Jo tapta din raat
Usko roshni mile

Kedar vishvanath
Mujhko jana amarnath
Jahaan milta tera sath
Bholenath ji


Rakh de sar pe jiske haath
Duniya chalti uske saath
Aisa khel hai khilaata
Mera nath ji

Ye duniya hai bhikhari
Paise ki maari maari
Mera tu hi hai sahara
Mere bholenath ji

Mera hath le tu tham
Baba le jaa apne dhaam
Iss duniya se bacha le mujhko
Shambhu naath ji

Ye duniya hai bhikhari
Paise ki maari maari
Mera tu hi hai sahara
Mere bholenath ji

Mera hath le tu tham
Baba le jaa apne dhaam
Is duniya se bacha le mujhko
Shambhu naath ji

Moh maya se pare
Uski chhaya ke tale
Jo tapta din raat
Usko roshani mile

Kedar vishvanath
Mujhko jana amarnath
Jahaan milta tera sath
Bholenath ji


Rakh de sar pe jiske haath
Duniya chalti uske saath
Aisa khel hai khilaata
Mera nath ji

Tera roop hai prachand
Tu aarambh tu hi ant
Tu hi srishti ka rachayita
Mere bholenath ji

Main khud hoon khand khand
Phir kaisa hai ghamand
Mujhe tujh mein hai samaana
Mere bholenaath ji

Tera roop hai prachand
Tu aarambh tu hi ant
Tu hi srishti ka rachayita
Mere bholenath ji

Main khud hoon khand khand
Phir kaisa hai ghamand
Mujhe tujh mein hai samaana
Mere bholenaath ji

Moh maya se pare
Uski chhaya ke tale
Jo tapta din raat
Usko roshani mile

Kedar vishvanath
Mujhko jana amarnath
Jahaan milta tera sath
Bholenath ji


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भोलेनाथ भजन लिरिक्स इन हिंदी

~ तेरा रूप है प्रचंड ~

गले में जिसके नाग ,सर पे गंगे का निवास।
जो नाथो का है नाथ ,भोलेनाथ जी।

करता पापो का विनाश ,कैलाश पे निवास।
डमरू वाला वो सन्यास ,भोलेनाथ जी।

मोह माया से परे ,तेरी छाया के तले।
जो तपता दिन रात ,उसको रौशनी मिले।
केदार विश्वनाथ ,मुझको जाना अमरनाथ।
जहा मिलता तेरा साथ ,भोलेनाथ जी।

जो फिरता मारा मारा ,जिसको देता वो सहारा।
तीन लोक का वो स्वामी ,भोलेनाथ जी।

रख दे जिसके सर पे हाथ ,दुनिया चलती उसके साथ।
ऐसा खेल है खिलाता ,मेरे नाथ जी।

मोह माया से परे ,तेरी छाया के तले।
जो तपता दिन रात ,उसको रौशनी मिले।
केदार विश्वनाथ ,मुझको जाना अमरनाथ।
जहा मिलता तेरा साथ ,भोलेनाथ जी।

ये दुनिया है भिखारी ,पैसे की मारी मारी।
मेरा तू है सहारा ,मेरे भोलेनाथ जी।

मेरा हाथ ले तू थाम ,बाबा ले जा अपने धाम।
इस दुनिया से बचा ले ,मुझको शम्भू नाथ जी।

मोह माया से परे ,तेरी छाया के तले।
जो तपता दिन रात ,उसको रौशनी मिले।
केदार विश्वनाथ ,मुझको जाना अमरनाथ।
जहा मिलता तेरा साथ ,भोलेनाथ जी।

तेरा रूप है प्रचण्ड ,तू आरम्भ तू ही अंत।
तू ही सृष्टि का रचियता ,मेरे भोलेनाथ जी।

में खुद हु खंड खंड ,फिर कैसा है घमण्ड।
मुझे तुझमे है समाना ,मेरे भोलेनाथ जी।

मोह माया से परे ,तेरी छाया के तले।
जो तपता दिन रात ,उसको रौशनी मिले।
केदार विश्वनाथ ,मुझको जाना अमरनाथ।
जहा मिलता तेरा साथ ,भोलेनाथ जी।

abhilipsa panda ke bhajan

https://www.youtube.com/watch?v=tAMXgtvyGds

भजन :- केदार विश्वनाथ मुझको जाना अमरनाथ
स्वर :- अभिलिप्सा पांडा
लेबल :- राजस्थानी भजन

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